अमेरिका के ग्वाटेमाला शहर में खुदाई के दौरान जो हनुमान जी जैसी दिखने वाली मूर्तियां मिली है वो हनुमान जी की नही है। ये मुर्तिया वास्तव में हनुमान जी के पुत्र मकरध्वज की हैं। मकरध्वज को भगवान राम ने पातालपुरी.(अमेरिका) का राजा बनाया था इसका जिक्र वाल्मीकि और कम्बन, दोनो रामायणों में मिलता है। रामायण काल मे अहिरावण पातालपुरी का राजा था। जिसने हनुमान के पुत्र मकरध्वज को बचपन से ही पाला था। अहिरावण वास्तव में रावण का ही चचेरा भाई था और रावण से भी ज्यादा शक्तिशाली था। हमारे पुराणों में जिस पातालपुरी या पाताललोक का जिक्र मिलता है वो वर्तमान अमेरिका ही है। ग्लोब में अमेरिका भारत के मुकाबले बेहद नीचे दिखाई देता है.... बरमूडा ट्रायंगल को रावण ने अपनी किताब "रावण-संहिता" में पाताल सागर कहा है। और ये ट्राइएंगल भी अमेरिका के पास ही पड़ता है। अर्थात ये मुर्तिया अमेरिका में जो बंदरो की आकृति वाली निकल रही है ये निस्संदेह हनुमान के पुत्र मकरध्वज की तरफ इशारा करती है। पृथ्वी को कही से भी खोद डालो.....सिर्फ सनातन धर्म के ही सबूत मिलेंगे.....ये रोज ही देखने को मिलता है।



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